Add To collaction

सर्दी और चाय -लेखनी कविता -05-Mar-2022

सर जो तेरा चकराए और ठंड बढ़ती जाए
आ जा ले ले चाय की चुस्की क्यों तू घबराए।
मुँह में घोले मिठास सर्दी को भी दूर भगाए
दे अनमोल फायदे, चाय सुस्ती को भी मिटाए।

इलायची, अदरक, तुलसी जब इसमें पड़ जाए
स्वाद के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता भी बढ़ाए
सर्दी में सुबह की शुरुआत यदि चाय से हो जाए
दिन बन जाए खुशहाल शरीर भी गर्मी पा जाए।

शीत लहर बेकाबू हो शरीर में सनसनी लाए
ठंडी-ठंडी हवा कानों में नश्तर चलाती जाए
दूर-दूर तक कोहरा जब अपना रंग जमाए
गरमा-गरम चाय तब हमको बड़ी याद आए।

रंग है इसका सांवला पर मन को बड़ी ही भाए
हो गरीब या अमीर सभी को ये अत्यंत लुभाए
दाँत बजे जब कट-कट शरीर भी कंपकपाए
हो जाए आकर्षित चाय से कैसे खुद को बचाए।

पीकर चाय गरम नींद का नशा गुम हो जाए
रजाई में चाय पीने का आनंद अलग ही आए
थकान को मिटा जिंदादिली से जीना सिखाए
आओ लें चाय की चुस्की सर्दी का लुफ्त उठाएँ।

मुरझाए व मायूस चेहरे भी खिलें, मुस्काएँ 
जब दोस्तों के संग चाय पीने ढाबे पर जाएँ
सर्दी में गरमा-गरम पकौड़े हमें मिल जाएँ
चाय संग अतीत की यादें भी ताजा हो जाएँ।

कड़क ठंड में गरम चाय का मज़ा जो उठाए
हर एक चुस्की में नयापन और ताज़गी पाए
फाइव स्टार होटल नहीं नुक्कड़ में मिल जाए
चाय दिल से लाजवाब खुशनुमा रिश्ता बनाए।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल

   12
12 Comments

Swati chourasia

05-Mar-2022 07:55 PM

बहुत सुंदर रचना 👌

Reply

Dr. Arpita Agrawal

05-Mar-2022 07:56 PM

बहुत-बहुत धन्यवाद

Reply

Inayat

05-Mar-2022 06:20 PM

Nice

Reply

Dr. Arpita Agrawal

05-Mar-2022 07:56 PM

Thanks a lot Inayat ji

Reply

Zakirhusain Abbas Chougule

05-Mar-2022 03:46 PM

वाह वाह बहुत खूब

Reply

Dr. Arpita Agrawal

05-Mar-2022 03:52 PM

बहुत-बहुत आभार आदरणीय

Reply